Wednesday, May 27, 2020

ध्‍यान कैसे करें। How to Do Meditation

आज के इस पोस्‍ट में हम एक बार फिर पढ़ा हुआ याद कैसे रहे, के बारे में चर्चा करेंगे। 
आपने पिछले पोस्‍ट में पढ़ा था कि हम इमेजिनेशन टेक्‍नीक से कैसे चीजों को जल्‍दी याद कर सकते हैं। अगर आपने उस पोस्‍ट को नही पढ़ा है तो नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करके उसे अवश्‍य पढ़ लें।
IMAGINATION TECHNIQUE


एक और तरीका है जिसके जरिये आप जो कुछ देखते हैं या पढ़ते हैं वो याद हो सकता है।
जब भी आप पढ़ने बैठे तो सबसे पहले वो सारे काम अपने कर लीजिये जो आपको डिस्‍टर्ब करते हों ताकि केवल पढ़ाई ही हो। सारे काम करने के बाद आप कुछ समय के लिए अपनी किताब के किसी एक ही अच्‍छर या शब्‍द को कम से कम दो मिनट तक देखना है वो भी बिना पलक झपकाये।
इस तरीके से आप उस विषय में फोकस रख पायेंगे। वैसे मै मेडिटेशन की बात करने वाला था। क्‍योंकि यही वह तरीका है जिससे आप किसी भी चीज को प्राप्‍त कर सकते हैं। आइये हम बताते हैं कि मेडिटेशन कैसे करते हैं।


मेडिटेशन को कैसे करें।

आपको एक समय निर्धारित करना होगा कि मेडिटेशन आपको कब करना है। वैसे इसके लिए सुबह का समय सबसे बढ़िया होता है। आपको सुबह करीब 6 बजे उठ जाना चाहिये। इसके बाद आप फ्रेश हो जायें। फ्रेश होने के बाद एक चटाई लें ले या फिर कोई बिस्‍तर और नीचे बिछा दे। यदि आपके पास कुर्सी है तो उस पर भी बैठ सकते हैं पर नीचे बिछाकर मेडिटेशन करने से ज्‍यादा ही अच्‍छा होता है। अब आप आरामदायक मुद्रा में बैठ जायें। वैसे अगर आप पद्मासन की मुद्रा(एक पैर अपने दूसरे जंघा पर तथा दूसरा पैर पहले जंघे पर रखकर बैठना) में बैठकर मेडिटेशन का अभ्‍यास करेंगे तो बहुत फायदेमंद होगा। 


How to do Meditation
How to do Meditation

अब जब आप किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठ गये हैं तो सबसे पहले 4 से 5 बार गहरी सांस लें। गहरी सांस लेने के बाद आप शांति पूर्वक बैठ कर अब अपने सांस पर ध्‍यान लगायें। सांस किस प्रकार से आ रही है उसे महसूस करें। केवल अपना सारा ध्‍यान सांस पर ही लगाओ। सांस लेने के बाद अब उसे आराम से छोड़ दें और फिर ध्‍यान दें सांस को किस प्रकार से छोड़ा।सांस को धीरे से लें फिर कुछ देर रोककर उसे आराम से छोड़ दें।  यह प्रक्रिया आप को आरम्‍भ में 10 मिनट तक करनी है।

 इस प्रक्रिया के दौरान आपको अपनी कमर बिल्‍कुल सीधी रखनी होगी। आपका ध्‍यान भी भटकेगा कई विचार आपको घेरेंगे। परंतु आपको उन विचारों में उलझना नही होगा। इस प्रक्रिया के दौरान आपका सामना विचारों से होता रहेगा और ये विचार आते जाते रहेंगे पर आप अपना ध्‍यान केवल सांस पर ही केंद्रित करके रखना होगा।  अगर आप अपने सांस पर ध्‍यान नही दे पा रहे हैं तो आप अपने दोनो भौहों के बीच में अपना ध्‍यान लगायें। इससे आपका सारा ध्‍यान अपने भौहों के बीच में ही रहेगा और आपका ध्‍यान भटकेगा भी नही। 


मेडिटेशन के लिए आवश्‍यक शर्तें


घर में एक शांत जगह का चयन करें:
सीधी कमर वाली कुर्सी अथवा एक छोटी चटाई लें
ऐसा समय चुनें जब आप अन्य दैनिक कार्यों से दूर रहें
अपने विचारों को देखें



ध्‍यान से लाभ

इससे तनाव कम होता है। नियमित अभ्‍यास से चिचिड़ापन भी कम होता है।
बात बात पर आप जो चिंता करते है उसमे भी कमी आती है।
इससे आपको दिन भर एनर्जी बनी रहेगी आप थका हुआ महसूस नही करेंगे ।
आपका मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य भी ठीक रहेगा। 
इससे आपकी एकाग्रता में वृद्धि होती है।
भूलने की समस्‍या को कम करता है। नियमित अभ्‍यास से आपको भूलने की बीमारी नही होगी।
इससे आपकी नींद में भी काफी सुधार आता है।  

MEDITATION



Saturday, May 23, 2020

Imagination Technique for study

इस पोस्‍ट में हम एक बार फिर पढ़ा हुआ याद कैसे हो उसके लिए कुछ टिप्‍स लाए है।


Imagination Technique for study 


पिछले पोस्‍ट में हमने आपको कुछ टिप्‍स बताए थे। आज हम उसमें कुछ और बताने जा रहे हैं।
मन तो भटकता रहता है क्‍यों कि वह बहुत ही चंचल होता है। और फिर हम जो पढ़ रहें हैं उसमें तो हमारी कोई रूचि नही है। और यही रूचि अगर होती तो हमे पढ़ा हुआ चीज जल्‍दी याद हो जाता। 
कोई बात नही हम आपको एक इमैजिनेशन टेक्‍नीक बताते हैं जिससे आपको बहुत जल्‍दी ही याद हो जायेगा।



इमेजिनेशन का मतलब है कल्‍पना करना, या सोचना। पहले आपको ये करना होगा कि जो भी चीजे पढ़े उसे अपने शब्‍दों में लिख लें। शब्‍दों में लिखना बहुत आवश्‍यक है। लिखने के बाद उसे अपने मन में एक बार रिवाइज्‍ड करिये। इससे क्विक रिविजन भी हो जायेगा और आपको अधिकांश भाग याद भी हो जायेगा।

अब बात आती है इमेजिनेशन की तो, इसे इस प्रकार समझें- जैसे हम कहीं किसी की शादी या पार्टी में जाते हैं तो वहां हम और लोगों से अनजान रहते हैं। हम किसी को नही जानते पर कोई भी दोस्‍त जब उनका परिचय करवाता है तो हम उन्‍हे याद रखते हैं। अब अगर आपको शादी या पार्टी में पूछा जाये कि आपने वहां क्‍या-क्‍या खाया या फिर क्‍या-क्‍या देखा। तो आपको एकदम से एक चित्र आपके दिमाग में बन जायेगा कि मैने क्‍या खाया था। तुरंत ही आपको याद आने लगेगा कि मैने इतने बजे, ये चीजें और इस तरह से खायी थी।





 
Imagination Technique for study
Imagination Technique for study 

Imagination Technique for study 


तो यही आपको अपने स्‍टडी मे भी करना है। उदाहरण से समझाते हैं-

बिन्दुसार  के बाद सम्राट अशोक (273 ईसा पूर्व से 232 ईसा पूर्व) विशाल मौर्य साम्राज्य की गद्दी पर बैठा। रुद्रदामन के जूनागढ़ अभिलेख में भी अशोक नाम का उल्लेख मिलता है।

अब आप उपरोक्‍त वाक्‍य को कैसे याद करेंगे तो हम आपको बताते हैं कि कैसे इमेज बनाकर इसे याद किया जा सकता है। पहला वाक्‍य आपने देखा कि अशोक किसके बाद गद्दी पर बैठा था तो वहां पाया आपने बिन्‍दुसार के, तो आप तुरंत ही एक चित्र बना ले अपने दिमाग में कि बिंदुसार ऐसे होंगे उनके मुह पर बिंदु बिंदु होगा और वह जैसे ही अपने गद्दी से उतरते हैं तो सम्राट अशोक उनका भी चित्र दिमाग में आ गया होगा। वह तुरंत ही उस पर उछलक बैठ जाते हैं। और वह समय 273 साल पहले जब ईसा मसीह का जन्‍म नही हुआ था तब।  
दूसरा वाक्‍य ध्‍यान से देखें। अब आप तुरंत सोचें कि रूद्रदामन जैसा कि इनका नाम है बहुत ही गुस्‍से वाले होंगे और सबका दमन करते हुए आते हैं और एक अभिलेख अगर आपको इसका मतलब नही पता है तो सबसे पहले तुरंत इसका मतलब पता करें। अभिलेख का अर्थ, किसी पत्‍थर पर या किसी भी वस्‍तु पर कोई चीज लिखवाना या बनवाना होता है। तो अब आप इमैजिन करें कि रूद्रदामन बहुत गुस्‍से में आते हैं और किसी पत्‍थर पर अशोक का नाम लिख कर चले जाते हैं। अब शायद आप नही भूलेंगे कि इस तकनीक को कैसे इस्‍तेमाल करें।


तो शार्ट में ऐसे हुआ कि बिंदुसार जिनका मुह पूरा बिंदु से भरा हुआ है जैसे ही अपने गद्दी से उतरते हैं तुरंत अशोक जो इनका बेटा था उछलकर 273 करता हुआ उनके गद्दी पर बैठ जाता है। और एक रूद्रदामन करके कोई राजा थे जो कि बड़े ही गुस्‍से से आते हैं और एक जगह रूकते हैं वह जगह जूनागढ़ है और वहां अपना सारा गुस्‍सा किसी पत्‍थर पर उतार देते हैं । उस पत्‍थर पर अशोक जो कि अभी उछलकर बैठा था उसका नाम लिख देते हैं। 


इस तकनीक में आपको समय लगेगा पर हां ये जबरदस्‍त है। इससे आपको किसी चीज को पढ़कर उसे इमेज बनाने में समय भी लगेगा पर एक बार इमेज बना लेंगे तो आप भूलेंगे नही। 


आपको यह पोस्‍ट कैसा लगा कमेंट मे जरूर बतायें। बाकी का अगले पोस्‍ट में, धन्‍यवाद 
https://www.lisatamati.com/blog/post/38485/VISUALISATION-TECHNIQUES-THE-POWER-OF-IMAGINATION/




Thursday, May 21, 2020

कैसे अपने आपको पढ़ाई में फोकस करें। (how to concentrate on studies)

आज हम इस पोस्‍ट में आपसे कुछ आवश्‍यक बातें शेयर करना चाहते हैं। आप सभी के साथ कभी न कभी ऐसा हुआ है या होता ही रहता है, हम बात कर रहें हैं आपके स्‍टडी मटेरियल की । जी हां आपको ये पता है कि हम कोई भी चीज पढ़ते हैं फिर कुछ देर बाद कोई पूछता है तो हमे वो चीजे बिल्‍कुल याद नही रहती है। ऐसा क्‍यों है, क्‍या आपने कभी सोचा है। नही न, तो हम आपको इसका हल बतायेंगे कि कैसे आपको पढ़ा हुआ चीज याद रहे।


How to Concentrate on Studies

पहला बिन्‍दु 

जब हम पढ़ने बैठते हैं तो क्‍या हमे उस समय का पता रहता है कि यह सही समय है उस चीज को पढ़ने का। सबसे पहले हमे यही नही पता होता कि हम किस समय पढ़ें। 

दूसरा बिन्‍दु

मान लिया हमने पढ़ने का सही समय समझ लिया है, फिर भी हमें वो चीजे नही याद रहती हैं। अब इसमे कैसे पता लगायें कि सही समय तो हमने पकड़ लिया क‍ि कब क्‍या पढ़ना है पर फिर भी हमे याद नही हो रहा है। 
अब हम आपको कुछ टिप्‍स बताने जा रहें हैं, जिससे निश्‍चित तौर पर आपको अपने स्‍टडी में मन भी लगेगा और याद भी रहेगा। 

फोकस कैसे करें।HOW TO FOCUS
man ko shant kaise kare

5 Websites for General Knowledge


पहले बिन्‍दु का हल

अगर आपको यही नही पता कि किस समय हमे पढ़ना चाहिये और किस समय नही तो फिर आपको याद तो छोडि़ये, ये भी नही पता कि आगे आप क्‍या करेंगे। इसके लिए सबसे पहले आपको एक टाइम टेबल बनानी होगी।

सबके लिए अलग- अलग टाइम टेबल होती है, जैसे- कोई स्‍कूल जाने वाला होता है तो कोई कॉलेज। और कोई अपनी नौकरी करते हुए सरकारी परीक्षा की तैयारी कर रहा होता है। तो हम यहां केवल सरकारी परीक्षा के लिए टाइम टेबल की बात करेंगे। बाकी का अगले लेख में।

How to concentrate on studies

यदि कोई केवल कोचिंग क्‍लासेस कर रहा है तो उसके लिए सबसे बढि़या तरीका है कि वह दिन में कोचिंग जाए और अपना क्‍लास अटेंड करे। उसके अलावा वह दिन मे जो भी कार्य कर रहा हो उसे करे। उसके लिए रात में 7 बजे से 10 बजे तक की पढ़ाई बहुत है, क्‍योंकि उसने दिन भर कोचिंग क्‍लास किया तो उसके बाद वह अगर 3 घंटे भी वही रिविजन करे या जो भी उसे पसन्‍द हो उस चीज का टाइम टेबल बना ले । जैसे- अगर उसे सामान्‍य ज्ञान पढ़ना है तो वह रात 7 बजे से 9 तक पढ़े हां पर इस बीच उसे हर 40 मिनट के बाद 5 से 10 मिनट का अंतराल रखना होगा। उसके बाद वह 10 बजे से मैथ्‍स को लगा सकता है। यह क्रिया निरंतर रखना होगा। इसे बनाये रखा जाये तो वह किसी भी परीक्षा को पास कर सकता है। बस इसे निरंतर बनाये रखे। अब बात सुबह की है तो यदि वह कोचिंग क्‍लास सुबह नही कर रहा है तो सुबह में एक घंटे ऐसी चीज को पढ़े जो उसे कम समझ आती हो। जैसे - हिन्‍दी भाषी क्षेत्रों मे अंग्रेजी कम समझ आती है तो उसे एक घंटे अवश्‍य दें। यह प्रक्रिया आप निरंतर करें। आप स्‍वयं देखेंगे कि जो आपकी समस्‍या है कि मै किस समय क्‍या पढू दूर हो जायेगी।

अब बात उनकी है जो कि समय नही पा रहें हैं। वैसे लोग जो अपनी जॉब के साथ-साथ सरकारी परीक्षा की तैयारी भी करना चाहते हैं तो उनके लिए ये टाइम टेबल है। यदि उनकी जॉब (ज्‍यादातर लोगों की ) 10 से 6 की है तो उन्‍हे सबसे पहले सुबह का बताना चाहता हूं। सुबह में आप लगभग 7 बजे तक तो उठ ही जाते होंगे, 7 बजे से 8 के बीच आप अपना दैनिक कार्य करें। इसके बाद 8 से 9 के बीच रिविजन करें जो आपने रात में पढ़ा हो। क्‍योंकि कई लोग हैं जो कि खाना भी खुद बनाते हैं इसलिए ऐसी स्थिति में आप खाना बनाते हुए केवल रिविजन ही कर सकते हैं। फिर ऑफीस से आने के बाद लगभग 7 बजे तक आ ही जाते होंगे। 7:30 बजे आपको सबसे आसान सब्‍जेक्‍ट को पढ़ना चाहिये ताकि आपको ऑफीस से आने के बाद जो थकान सा महसूस हो रहा होगा वो दूर हो जाये। यह सब्‍जेक्‍ट केवल आधे घंटे तक ही पढ़ें । इसके बाद 5 मिनट रेस्‍ट लें।

 फिर 8:10 से वो सब्‍जेक्‍ट लें जो परीक्षा में सबसे ज्‍यादा आने वाला हो या आपको कम समझ आता हो, इसे आप 1:30 घंटे पढ़ें। जैसा कि मैने बताया कि इस बीच आप हर 40 से 45 मिनट के बीच 5 से 10 मिनट रेस्‍ट अवश्‍य लें।  लगभग 9:45 तक ये आप पूरा कर लेंगे । इसके बाद आप खाना पीना लें। फिर अगर आपके पास समय हो तो एक घंटे मैथ्‍स या फिर रिजनिंग या फिर जिस भी विशेष परीक्षा की तैयारी कर रहें हैं उस सब्‍जेक्‍ट को लें। विशेष परीक्षा इसलिए कहा क्‍योंकि कई लोग ऐसे हैं कि उन्‍हें पता ही नही होता कि उन्‍हें किस परीक्षा की तैयारी करनी है और कौन सी परीक्षा देनी है। और इस चक्‍कर में भटकते रहते हैं कि न तो ये परीक्षा पास कर पाते हैं और न ही दूसरी। इसलिए विशेष का मतलब है कि आप केवल किसी एक ही परीक्षा के बारे में सोचें और जी जान लगा दें। और खासतौर पर जो जॉब कर रहे हैं उन्‍हें तो समय भी कम मिलता है तो उन्‍हें केवल उसी विशेष परीक्षा को ध्‍यान में रखना चाहिये।


  How to Concentrate on Studies


दूसरे बिन्‍दु का हल

अब आप ये सोच रहें होंगे कि ठीक है हमने टाइम टेबल भी तैयार कर लिया पर अब भी नही याद हो रहा है। तो इसी का हल हम बताने जा रहें हैं। आपने टाइम टेबल बनाने का पहला कार्य कर लिया। जैसा कि मैने बताया कि आपको केवल उस विशेष परीक्षा को ही देना है जो आपने चुना है हर परीक्षा को नही। ऐसे में आप खुद ब खुद उसके लिए मानसिक तौर पर तैयार हो जायेंगे। जब आपने निश्‍चय कर लिया कि मुझे केवल यही परीक्षा निकालनी है तो अब आपको सब्‍जेक्‍ट का भी पता चल गया होगा कि उस विशेष परीक्षा में कितने सब्‍जेक्‍ट हैं। इसके लिए आपको एकाग्र होने की जरूरत होगी। आपको यह सोचना होगा कि मै यहां किसलिए आया हूं। और हां ये भी क‍ि अगर आप ये परीक्षा न पास कर सकें तो फर्क तो कुछ नही पड़ेगा पर आपके मोटिवेशन के लिए कि आपके घर के बगल वाले चाचा, रिश्‍तेदार और कई दोस्‍त क्‍या कहेंगे। ये समझकर आप उसी में मन लगाकर बैठ जायें। कुछ उपाय बता रहा हूं आप इसे फॉलो करें तो लाभ होगा। 
how to concentrate on studies

concentrate


how to concentrate on studies

सुबह आप उठकर पहले दैनिक कार्य करने के बाद आपको कुछ प्राणयाम करें। जैसे- अनुलोम विलोम, कपालभाति या फिर अगर आप मेडिटेशन कर सकें तो वो करें ये आपको लाभ ही देगा। 
इसके अलावा आप चाहें तो किसी भी एक चीज को एकटक निगाह से देखें, इससे आपको कॉन्‍सन्‍ट्रेशन में मदद मिलेगी। सुबह उठते ही सबसे पहले आप अपने आप से कहें कि आज का दिन मेरा बहुत अच्‍छा जायेगा। जब भी एकाग्रता में कमी आये तो ये सोच लिजिये कि बगल वाले क्‍या कहेंगे और जो आपको रोज पूछते हैं उनको आप क्‍या जवाब देंगे। आप तभी किसी भी सब्‍जेक्‍ट में इंटरेस्‍ट लेंगे जब आपको कोई कारण होगा। मतलब किसी वजह से या किसी ने कुछ कहा हो कि आप ये परीक्षा नही निकाल सकते या फिर कोई भी कारण अवश्‍य हो ताकि वह आपके दिमाग में बना रहे कि अगर मैने ऐसा नही किया तो ऐसा होगा।

वैसे अगर आप चाहें तो एक तरीका और है, जैसे अगर आपने आज कुछ पढ़ा तो उसे कल जरूर रिविजन कर लें और उसके बाद मतलब रिविजन करने के बाद एक बार सोचें कि मैने क्‍या क्‍या पढ़ा और अपने आपको एक बार जांचें। इस तरह से आप हर रोज रिविजन करने का प्रयास करें। दूसरी बात है कि आप अपने हैंडराइटिंग में लिखने का प्रयास भी करें, और लिखने के बाद आंखें बंद करके जो भी लिखा है उसे कल्‍पना किजिए कि मैने क्‍या लिखा है या क्‍या पढ़ा है। इसे इमैजिनेशन टेक्‍निक कहते हैं। इससे बहुत जल्‍दी ही आपको भूली हुयी चीज भी याद आने लगेगी। जब भी कुछ पढ़े तो उसके बाद 5 मिनट में ही उसके बारे में इमेज बनाकर सोचें क‍ि आज मैने ये पढ़ा । यह तरीका आपको बहुत मदद करेगा।

इस पोस्‍ट में बस इतना ही, अगले लेख में हम आपको कुछ और तरीके बतायेंगे जिससे आप अपने दिमाग को फोकस कर सकें और अपने आपको यह महसूस हो सके कि हां अब मेरे मन मे शांति है । इसके लिए अगले लेख का इंतजार करें।

इस पोस्‍ट को पढ़ने के लिए धन्‍यवाद

What is Meditation, How to do meditation, for this you have to visit
https://www.youtube.com/watch?v=radfvJ6l0kg

Tuesday, May 19, 2020

History of Cricket

क्रिकेट के खेल के प्रति भारतीयों की दीवानगी की कोई सीमा नहीं है।  यहां हर खाली जगह को एक क्रिकेट मैदान की तरह देखा जाता है, जहां बच्चों के साथ बड़े भी जब मन करे गेंद और बल्ला थाम कर खेलने लगते हैं।  हालांकि इस खेल की शुरुआत इंग्लैंड से हुई

History of Cricket



दरअसल, 1877 में  क्रिकेट की आधिकारिक शुरुआत हुई थी। 15 मार्च, 1877 को मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट मैच शुरू हुआ था।  इस मैच को उस समय उभर रही ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पुराने अंग्रेज धुरंधरों को 45 रनों से हरा कर जीता था। वहीं, मैच की खास बात यह थी कि इसकी कोई समयसीमा तय नहीं थी।  दोनों टीमों को दो-दो पारियां खेलनीं थी, चाहे इसमें कितने भी दिन लगें। 
history of cricket

source: wikipedia


 ऑस्ट्रेलिया ने जीता मैच 

History of Cricket
यह मैच 15 से 19 मार्च तक चला। ऑस्ट्रेलिया ने डेव ग्रेगोरी की कप्तानी में खेलते हुए पहली पारी में 245 रन बनाए जिसके बाद इंग्लैंड की पहली पारी 196 रन पर सिमट गई। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम 104 रन ही बना सकी लेकिन 154 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लिश टीम 66.1 ओवर में 108 रन पर ऑलआउट हो गई। ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज टॉम केंडल ने दूसरी पारी में 55 रन देकर 7 विकेट झटके और जीत में अहम भूमिका निभाई। तब एक ओवर में 4 गेंद डालने की अनुमति थी।

एक रेस्ट डे भी मिला
खास बात यह रही कि शुरुआती 3 दिन के खेल के बाद चौथे दिन यानी रविवार 18 मार्च 1877 को रेस्ट डे रखा गया। इसके बाद पांचवें दिन ऑस्ट्रेलिया ने जीत दर्ज की।

इनके नाम रही उपलब्धि
अल्फ्रेड शॉ ने टेस्ट मैच की पहली बॉल फेंकी जो चार्ल्स बैनरमैन ने खेली। बैनरमैन 165 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट हुए जो पहले टेस्ट सेंचुरियन भी बने। इंग्लैंड के एलन हिल ने पहला टेस्ट विकेट और पहला ही कैच लपका। इस मैच में सबसे ज्यादा दर्शक तीसरे दिन यानी शनिवार को आए जो करीब 10 हजार थे।



क्रिकेट के खेल का 16 वीं शताब्दी के अंत में एक ज्ञात इतिहास है। दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में उत्पन्न होने के बाद, यह 18 वीं शताब्दी में देश का राष्ट्रीय खेल बन गया और 19 वीं और 20 वीं शताब्दी में विश्व स्तर पर विकसित हुआ।

History of Cricket

क्रिकेट का पहला ग्रैंड मैच रॉयल एमेच्योर सोसाइटी के सदस्यों द्वारा हैम्पटन कोर्ट ग्रीन में खेला गया
आज आपको क्रिकेट के प्रशंसक लोग जगह-जगह मिल जायेंगे और दिनों-दिन इसकी लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। अगर इसके इतिहास पर प्रकाश डाला जाये, तो निम्न साक्ष्य मिलते हैं:-

इसका पुराना सन्दर्भ 1598 में मिलता है और इससे साफ हो जाता है कि क्रिकेट 1550 की सदी में खेला जाता था, लेकिन इसकी असली उत्पत्ति एक रहस्य ही है। एक निश्चित हद तक अनुमान लगाया जा सकता है कि इसकी शुरूआत 1550 से पहले हुई थी। स्थान के विकल्प के रूप में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के केंट, ससेक्स और सरे हैं, परन्तु अधिक संभावना वेल्ड क्षेत्र की है। माना जाता है कि खेल की शुरुआत वील्ड में रहने वाले बच्चों ने इंग्लैंड के दक्षिण-पूरब के घंने जंगलों में की थी। मध्ययुगीन काल में वील्ड छोटे खेती और धातु के काम करने वाले समुदायों से बसा हुआ था। 17वीं सदी की शुरुआत के आसपास वयस्कों के द्वारा शुरू करने से पहले, क्रिकेट कई शताब्दियों तक बच्चों के खेल के रूप में विद्यमान था।

Monday, May 18, 2020

5 Websites for General Knowledge

आज हम आपको कुछ वेबसाइट्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके द्वारा आप अपने घर बैठे ही तैयारी कर सकते हैं। देर न करते हुये हम आपको उन वेबसाइट्स की लिस्‍ट देने जा रहे हैं।


5 Websites for General Knowledge



अडडा 247

5 Websites for General Knowledge

इस वेबसाइट पर आपको सामान्‍य ज्ञान, सामान्‍य विज्ञान और गणित, रीजन‍िंग तथा अनेक विषयों के बारे में आपको जानकारी मिलेगी। इसका अपना यूटयूब चैनल भी है जो आपको फ्री में कंटेंट देता है। आप इस वेबसाइट से अपनी तैयारी जारी रख सकते हैं। हालांकि इसका टेस्‍ट सीरिज फ्री नही है। आपको इसके लिए पैसे देने होंगे। मेरे हिसाब से तो यह वेबसाइट आपको अच्‍छी सुविधा देता है और फ्री मे लागइन करके आप रोजाना इसके द्वारा करेंट अफेयर्स, सामान्‍य ज्ञान, गणित और रिजनिंग के टेस्‍ट लगा सकते हैं। Adda247



प्रश्‍नपत्र

5 Websites for General Knowledge

यह भी बहुत ही अच्‍छी वेबसाइट है। इसमें आप फ्री में मॉक टेस्‍ट दे सकते हैं। इसमें आपको सरकारी नौकरी और उसके रिजल्‍ट के बारे में भी बताया जाता हैं। इस वेबसाइट पर लगभग सभी चीजें उपलब्‍ध है जो आप तैयारी करना चाहते हैं। prashnapatra.com



जागरणजोश 

5 Websites for General Knowledge

यह वेबसाइट बहुत ही महत्‍वपूर्ण है। इसमें आप इंज‍िन‍ियरिंग और अन्‍य से संबंधित सभी चीजें पायेंगे। इसमें आप फ्री मे टेस्‍ट सीरिज लगा सकते हैं। इसमें कई फीचर उपलब्‍ध हैं। करियर के आप्‍शन, जॉब अलर्ट और बहुत सी चीजे इसे एक प्रभावपूर्ण बनाती हैं। एक बार इस वेबसाइट पर अवश्‍य विजिट करें।
 jagranjosh.com



5 Websites for General Knowledge

स्‍टडीविद जीके

5 Websites for General Knowledge

यह वेबसाइट अभी कुछ महीने पहले ही इंटरनेट पर आयी हैं। हांलाकि इसमें करेंट अफेयर्स, गणित और रिजन‍िंग आदि चीजें नही मिलेंगी। पर इसमें सामान्‍य ज्ञान, सामान्‍य विज्ञान लगभग इसमे बहुत ही अच्‍छे से समझाया और प्रश्‍न उत्‍तर के संदर्भ में दिया गया है। अभी यह नयी है इसलिए इस उतना कंटेंट नही है, पर जो भी है आप एक बार देखेंगे तो समझ जायेंगे कि हां यह स्‍टूडेंट के लिए एक बेहतरीन साइट है। इसमें आपको 30 या 40 टेस्‍ट सीरिज दी गई है जो केवल  सामान्‍य ज्ञान से संबंधित है। और यह बिल्‍कुल ही फ्री है। एक बार इस वेबसाइट पर जरूर जायें।  studywithgk.com


स्‍टडी आईक्‍यू

5 Websites for General Knowledge

अगर कंपीटिटिव एग्जाम की बात करें तो studyiq  सबसे बेस्‍ट वेबसाइट है। इसके बारे में क्‍या कहा  जाये ये तो अपने आप में खुद ही एक संस्‍था है। इसमें आप सबसे बेहतरीन टीचर्स से पढ़ सकते हैं। यह वेबसाइट संपूर्ण है। भारत के किसी भी सरकारी परीक्षा की तैयारी करनी हो तो इस वेबसाइट से आप पढ़ सकते हैं। ये संघ लोक सेवा आयोग से लेकर ग्रुप डी तक की तैयारी करवाता हैं। हालांकि इसके पेन ड्राइव कोर्सेस है। इसका भी एक यूटयूब चैनल है। इसके पेनड्राइव कोर्स महंगे तो हैं पर इनकी क्‍वालिटी देखकर उतना भी महंगा नही है। 
https://www.studyiq.com/

You can also visit below given link for more information 

Sunday, May 17, 2020

man ko shant kaise kare



क्या आप तनाव में अथवा अप्रसन्न हैं? क्या आपको शान्त होने की आवश्यकता है? अपने मन को साध लेने और शान्त करने पर आप आराम का अहसास करेंगे और अपने आप को हर वक्त कार्य करने के लिए तैयार पाएंगे, और ऐसा करना आसान है। जब आपको अपने लिए उपयुक्त तरीके मिल जाये तो उनका लगातार अभ्यास करें। इससे जरूरत होने पर, आप अधिक तीव्र गति से अपने मन को शांत करने में समर्थ हो पाएंगे और इसके लिए आप निम्नलिखित सुझावों का इस्तेमाल कर सकते हैं।


मन को शांत कैसे करें। Man Ko Shant Kaise kare

आप नीचे दिए गए सुझावों के हिसाब से अपने मन को शांत करने का प्रयास कर सकते हैं।
गहरी सांस लेने का प्रयास करें
जब भी आपको तनाव या गुस्‍सा आये तो तुरंत गहरी सांस लेने की कोशिश करें। इससे आपको बहुत ही आराम महसूस होगा। और यह प्रक्रिया इस प्रकार करें
सबसे पहले अपने मुह को बंद करें फिर नाक के द्वारा गहरी सांस ले। सांस लेने के बाद कुछ समय तक अपनी सांस को रोकें, फिर उसे छोड़ दें। यह प्रक्रिया करीब 5 बार तो अवश्‍य करें।

किसी भी चीज पर या म्यूजिक पर अपना ध्‍यान केंद्रित करें(Man ko Shant Kaise kare)
जब आपको लगे कि अब मन उदास सा हो रहा है तो ठीक उसी समय किसी ऐसी चीज को देखें जो आपको बचपन से बहुत ही अच्‍छा लगता हो। उसे एकटक देखने का प्रयास करें। और आप अगर किसी वस्‍तु को नही देखना चाहते तो किसी ऐसी ध्‍वनि या साउंड को सुने जिसे आपको सुनने के बाद बहुत अच्‍छा महसूस होता है। और इस ध्‍वनि को ध्‍यान पूर्वक सुनें । इसी तरह आप के आस पास जो भी नेचर ने दिया है उसे देखने, सुनने का प्रयास करें। आप पायेंगे कि आपका मन अब शांत होने लगा है।

रोजाना व्‍यायाम करें*
व्‍यायाम करने से आपका तनाव कम होता है। कम से कम आधा घंटा तो आप रोज व्‍यायाम करें। व्‍यायाम मे आप दौड़, अपने शरीर को स्‍ट्रेच करना या फिर सूर्य नमस्‍कार आदि को शामिल कर सकते हैं।


अपने दिमाग को एकाग्र कैसे करें


man ko shant kaise kare
ऊपर बतायी गयी विधियों से तो आप अपने को शांत कर सकते हैं। अब हम बात करते हैं कि हमारा मन पढ़ने, काम करने या फिर किसी भी चीज में क्‍यों नही लगता। हमारे दिमाग में कुछ न कुछ चलता रहता है। हमेशा किसी चीज के बारे में हमारा दिमाग हमें संकेत देता रहता है और हम अपने उस काम को छोड़ देते हैं जो कर रहे होते हैं।

दिमाग को एकाग्र करने के लिए एक तरीका मै बताने जा रहा हूं शायद आपको पहले से ही पता हो पर एक बार इसे ट्राई जरूर करें। अगर आप मेडिटेशन कर सकते है तो आप इसे अवश्‍य करे क्‍योंकि मेडिटेशन से ही हम अपने आपको जान पाते हैं और अपने दिमाग को एकाग्र कर पाते हैं।
एक तरीका यह है कि अगर आप किसी गाने को सुन रहें हैं तो उस गाने में बज रहे म्‍युजिक को केवल सुनें, और उस गाने पर ध्‍यान न देकर केवल म्‍युजिक को सुनने क‍ि कोशिश करें। आप यह प्रक्रिया एक हफ्ते तक करें। हालाकि इसे हमेशा जारी रखें। एक हफ्ता इसलिए कहा मैने क्‍योंकि इसका परिणाम आपको एक हफ्ते में ही मिल जायेगा। आप देखेंगे कि आपने जो पढ़ा वो आपको याद होने लगेगा।


इसे भी पढ़ें



क्‍या आप जानते हैं कि आप किसी फ‍िल्‍म को देखते हैं तो वह आपको याद क्‍यों हो जाती है। इसका जवाब है आपका ध्‍यान और मन एकदम एकाग्रचित होकर उस फिल्‍म को देखता है। और आपसे कोई ये पूछ ले कि इस फिल्‍म में इस समय पर क्‍या हुआ तो वह तुरंत बता भी देता है। तो इसका केवल और केवल एक ही कारण है और वह है आपकी एकाग्रता।



मानसिक कल्पना (visualization) का प्रयास करें:


 यह ध्यान मुद्रा में एक निर्देशित कल्पना की तरह है जिसमें आप एक शान्तिमय दृश्य की कोमल कल्पना करते हैं। उस दृश्य की छवि जब तक आप चाहते हैं तब तक अपने मस्तिष्क में बसा लें लेकिन अपने सभी विचारों एवं ऊर्जा को इस खास जगह की मानसिक कल्पना के लिए अपने मन मस्तिष्क को केन्द्रित करने में लगा दें।
  
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Saturday, May 16, 2020

फोकस कैसे करें।(how to focus)

फोकस कैसे करें।HOW TO FOCUS


फोकस क्‍या है। अगर हम आप से पूछे कि आप को सफल होने के लिए सबसे मुख्‍य चीज क्‍या होनी चाहिये तो आप क्‍या जवाब देंगे। 
किसी भी सफल व्‍यक्ति से पूछा जाता है कि आप इतना सफल कैसे हैं, तो उन सभी सफल व्‍यक्तियों की एक कॉमन चीज फोकस ही होती है। वे बताते हैं कि फोकस के द्वारा हम किसी भी प्रकार की सफलता प्राप्‍त कर सकते हैं।


फोकस का मतलब (WHAT DO YOU MEAN BY FOCUS)


इसका मतलब है एकाग्रता। एकाग्रता अर्थात किसी भी काम को मन से करने की इच्‍छा। बिल्‍कुल उसी कार्य में लगा रहना। अपना ध्‍यान न भटकने देना।


फोकस के लिए आवश्‍यक बातें IMPORTANT THINGS


1.अपना गोल न‍िर्धारित करें।
फोकस के लिए सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए कि आपका लक्ष्‍य क्‍या है, जब त‍क आपको यह पता ही नही होगा कि हमारा लक्ष्‍य क्‍या है और हम क्‍या कर रहे हैं तो आपका फोकस ही नही होगा। तो सबसे पहले आपको एक टार्गेट सेट करना पड़ेगा और उसी टार्गेट के पीछे आप अपना सारा ध्‍यान लगा दें। और हां ये भी क‍ि आप केवल एक ही लक्ष्‍य को लेकर चलें अगर आपने कई लक्ष्‍य लिये हैं तो आपका फोकस फिर अलग थलग पड़ जायेगा । यदि आपका लक्ष्‍य एक से अधिक है तो सबसे पहले उस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने की कोशिश करे जो बेहद जरूरी हो। पहला लक्ष्‍य प्राप्‍त कर लेने के बाद दूसरे पर फोकस करें इसी प्रकार आप फोकस को लगा सकते हैं।

2. अपने लक्ष्‍य के लिए अपने हिसाब से योजनाए बनाएं।
आपने जो भी लक्ष्‍य सेट किया है उसी हिसाब से आप अपनी योजनाओं को बनाये। जैसे अगर किसी परीक्षा की तैयारी कर रहें है तो केवल उसी परीक्षा की ही तैयारी करें ना कि हर परीक्षा की जो आप केवल देने जा रहे हैं।
और जिस परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उसका सिलेबस सबसे पहले देंखें उसके बाद उसी के अनुसार आप अपनी योजनाओं को बनाए।

3. अपने परिणाम की जांच करते रहें
आपने जो भी लक्ष्‍य सेट किया है उसकी न‍िरंतर जांच करते रहें और उसका मूल्‍यांकन भी करते रहें कि क्‍या मै अपने लक्ष्‍य की तरफ अग्रसर हूँ या नही। इसके लिए आप किसी टेस्‍ट सीरिज, पिछले साल का पेपर और कोई और लक्ष्‍य हो तो उस हिसाब से सफल हुए व्‍यक्तियों को इंटरनेट पर सर्च कर उनकी राय लें। 


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कुछ महत्‍वपूर्ण टिप्‍स फोकस के लिए


यदि आप चाहते हैं कि आप फोकस कैसे करें तो मै यहां आपको कुछ टिप्‍स बताता हूं।
1. यदि आप योगा करें तो ये आपकी बहुत ही हेल्‍प करेगा फोकस करने में।
2.योगासन मे आप प्राणायाम जैसे अनुलोम-विलोम या कपाल भाति कर सकते हैं। 
3. सुबह -सुबह उठकर आप सबसे पहले किसी एक ही बिन्‍दु को देखें । 
4. अगर ऊपर न देख सकें तो आप त्राटक का अभ्‍यास कर सकते हैं, इससे आपकी एकाग्रता बहुत ही बढ़ जायेगी।
5. सबसे महत्‍वपूर्ण उपाय है यदि आप ध्‍यान(मेडिटेशन) करें तो यह बहुत ही लाभ देगा। ध्‍यान करने के लिए आपको केवल आरामदायक मुद्रा में बैठना होगा और फिर अपने सांस पर फोकस करना होगा। यदि आप इसका न‍ियमित अभ्‍यास करेंगे तो इससे आपकी एकाग्रता बहुत ही बढ़ जायेगी। 

और हां इसके लिए कोई दवा नही आती जिससे कि आप फोकस कर सके इसे आपको स्‍वयं ही करना होगा। हां आयूर्वेद में ऐसे कई चीज है जिसे आप ले सकते हैं, जैसे- शंखपुष्‍पी, अश्‍वगंधा, आंवला इत्‍यादि।

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Friday, May 15, 2020

9/11 Attack

18 साल पहले यानी 11 सितंबर 2001 को दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्‍क अमेरिका पर आतंकवादियों ऐसा हमला किया था, जिससे पूरी दुनिया हिल गयी। इस हमले ने ऐसी तबाही मचाई कि उस मंजर को देखने वाले कभी भूल नहीं सके। इस हमले में करीब 3 हजार लोग मारे गए थे।

9/11 Attack


11 सितम्‍बर 2001 को संयुक्‍त राज्‍य अमेरिका पर आतंकी संगठन अल-कायदा ने जो हमला किया था, वह बहुत ही भयानक और आत्‍मघाती हमला था। उस दिन, अल कायदा आतंकवादियों ने चार विमानों का अपहरण किया था।

अपहरणकर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर, न्‍यूयार्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया। उनमें काम करने वाले कई लोग मारे गये। यहां तक कि उनके पास वाली इमारतें भी तबाह हो गईं थी और उसके आस-पास वाले इमारतों को भी बहुत नुकसान हुआ।

अपहरणकर्ताओं ने तीसरे विमान को वाशिंगटन डी. सी. के बाहर आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन से टकरा दिया था। यह हमला कितना बड़ा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस हमले में लगी आग को बुझाने में लगभग 100 दिन का समय लगा था। ट्विन टावर में 7 इमारते थी।

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11 सितंबर को अलकायदा आतंकवादियों के एक ग्रूप ने स्थानीय समय के मुताबिक नौ बजे वर्जीनिया से लॉस एंजेल्स जा रहे अमेरिकी उड़ान संख्या 77 के विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था।  अमरीकी अधिकारियों के मुताबिक विमान पेंटागन के पहले और दूसरी मंजिल के बीच गिरा, जिसमें 184 लोग मारे गए थे। 
9/11 attack

इस दिन अमेरिका से तीन विमान हाईजैक हुए थे।  हाईजैकर्स ने एक विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था वहीं दूसरे विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारत से टकरा दिया था।  हाईजैक हुआ तीसरा विमान एक खाली जगह पर कैश हो गया था। 

इसके बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने 11 सितंबर 2001 को पेंटागन पर हुए हमले के बाद की कुछ अनदेखी तस्वीरें जारी की थीं।  उन तस्वीरों के माध्यम उस घटना में हुई तबाही को महसूस किया जा सकता था।  तस्वीरों से समझा जा सकता है कि किस तरह से अलग-अलग अमेरिकी एजेंसियों ने इस हमले के बाद बचाव कार्य को अंजाम दिया था।

Source: Aajtk news

Thursday, May 14, 2020

Midnight Sun (मध्‍य रात्रि का सूर्य)

क्या आप जानते है की एक ऐसा देश है जहां सूर्य मध्‍य रात्रि में भी उदय होता है। जी हां नार्वे एक ऐसा ही देश है जहां सूर्य मध्‍य रात्रि को भी दिखाई देता है।

मध्यरात्रि का सूर्य Midnight Sun

नार्वे, यूरोप महाद्वीप का एक देश है। अपने एटलस में इसकी स्थिति देखो। इसके उत्तरी छोर पर हेमरफेस्ट नामक शहर है। यहॉं पर इन दिनों मध्यरात्रि के सूर्य के दर्शन करने के लिए कई शौकीन पर्यटक आते हैं। इसीलिए नार्वे कोमध्यरात्रि के सूर्य का देशकहते हैं।  
प्रकृति के इस अद्भुत करिश्मे को देखने का जीवन में यदि आपको कभी अवसर मिले तो हेमरफेस्ट ज़रूर जाइए।
midnight sun
मध्य रात्रि का सूर्य 

इसके पीछे का कारण Reason behind this phenomenon 


हमारी पृथ्वी पर ऐसे भी कुछ स्थान हैं जहाँ वर्ष के कुछ खास महीनों में आधी रात को भी सूर्य के दर्शन होते हैं। ।मध्य-रात्रि के समय सूर्य के दिखाई देने वाली घटना एक प्राकृतिक घटना(Natural Phenomena)है।आप लोग इतना तो जानते ही है कि आकाश में सूर्य स्थिर(पृथ्वी के सापेक्ष)है और हमारी पृथ्वी अपनी कक्षा या भ्रमण पथ पर उसके चारों ओर लगभग 365 दिन में एक चक्कर पूरा करती है।इसके साथ ही वह अपने अक्ष या धुरी पर 24 घंटे में एक चक्कर पूरा करती है।पृथ्वी के इस निरंतर भ्रमण के कारण ही दिन व रात होते हैं।

परंतु हम देखते हैं कि दिन और रात की अवधि हमेशा बराबर नहीं होती। कभी दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं तो कभी दिन छोटे और रातें बड़ी होती हैं।यह पृथ्वी के अक्ष के झुकाव(
Axis Tilt)का परिणाम है।यहां हम आपको बता दें कि पृथ्वी का कोई वास्तविक अक्ष नहीं होता है किंतु जब पृथ्वी घूमती है तो एक ठीक उत्तर और दूसरा ठीक दक्षिण में ऐसे दो बिंदु बनते हैं जिन्हें एक सीधी रेखा से जोड़ देने की कल्पना करें तो वैसी ही एक धुरी बन जाएगी जैसी साइकिल के पहियों की धुरी होती है जिन पर वे घूमते हैं।

पृथ्वी अपने तल से 66 डिग्री का कोण बनाते हुए घूमती है या यों कहें कि पृथ्वी का अक्ष सीधा न होकर 23 डिग्री तक झुका हुआ है। अक्ष के झुकाव के कारण ही दिन व रात छोटे-बड़े होते हैं। 21 जून व 22 दिसंबर ऐसी दो तिथियॉं हैं, जिनमें सूर्य का प्रकाश वृत्त पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण पृथ्वी के सभी स्थानों को समान भागों में नहीं बांटता है। दिन और रात की अवधि में अंतर आता है। उत्तरी गोलार्द्ध में मध्य-रात्रि अर्थात रात को 12 बजे भी सूर्य दिखाई देने की घटना का संबंध 21 जून वाली स्थिति से है। इस समय 66 डिग्री उ.अक्षांश से 90 डिग्री उ. अक्षांश तक का संपूर्ण भू-भाग प्रकाश वृत्त के भीतर रहता है।

इसका अर्थ यह हुआ कि यहॉं चौबीसों घंटे दिन रहता है, रात होती ही नहीं, इसीलिए वहॉं आप आधी रात को भी सूर्य को देख सकते हैं। न तो सूर्योदय होगा और न सूर्यास्त होगा। बस यही है अर्द्धरात्रि के सूर्य-दर्शन की घटना का रहस्य। 


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Wednesday, May 13, 2020

कोरोना का प्रभाव (CORONA EFFECT)

आज मुझे एहसास हुआ कि जिंदगी कितनी अजीब है न। ऐसा समय आया है कि मरना भी नही चाहते और जी भी नही सकते। 

कोरोना का प्रभाव

कोरोना ने सब कुछ बदल दिया है। किस तरह की महामारी है ये जिसने एक दूसरे को ही अलग कर दिया। पर क्‍या पहले से ही बहुत दूरियां नही थी हमारे बीच अब और बढ़ाने ये कोरोना आ गया। कहते हैं कि यह चाइना के वुहान लैब से न‍िकला है। तो हम इसे नेचुरल न समझकर ये समझे कि ये कोई बायोलॉजिकल वेपन है जो चाइना बना रहा था। 
corona effect
corona virus

आज इनकी(चाइना) गलत तरीकों की वजह से पूरा विश्‍व परेशान है। क्‍या चाहिए इन्‍हे ऐसा क्‍यों करते हैं। आज पूरे विश्‍व में तबाही मची हुयी है। अब जितना कोरोना मरीज एक दिन में न‍िकल रहे हैं उससे कहीं ज्‍यादा अब न‍िगाह इस बात पर लगी रहती है कि आज कितने आदमी मर गये। इस वैश्विक महामारी ने सब कुछ खराब कर दिया है। 



क्‍या कोरोना कोई प्राकृतिक महामारी है या फिर कोई जैविक हथ‍ियार 


मै अगर अपनी बात करू तो मुझे लगता है कि यह कोई प्राकृतिक महामारी नही है। ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्‍यों कि प्रकृति द्वारा कोई भी बीमारी हो उससे प्रकृति खुद ही हमें बचाती है। अगर ये प्राकृतिक देन होती तो ये हर वातावरण में ऐसा कहर नही मचाता। आप सोचिए जरा जब यह कोरोना पहली बार हुआ था तो नवम्‍बर-दिसम्‍बर का महीना था। और चीन के वुहान शहर से न‍िकला ये वायरस अब पूरे विश्‍व को अपने चपेट में ले लिया है। उस समय चीन का मौसम कैसा था, अगर यह प्रकृति की वजह से हुआ होता तो केवल चीन जैसे मौसम और वातावरण में ही यह बीमारी होती अन्‍य जगह नही। अगर यह नार्मल टेम्‍परेचर पर हो रहा है तो इसे बहुत ही ठण्‍ड वाली जगह नही होनी चाहिए थी। यही नही इसे किसी गर्म मौसम या वातावरण मे भी नही होना चाहिये था। क्‍योंकि प्राकृतिक कोई भी बीमारी स्‍वत: ही प्रकृति द्वारा एक समयान्‍तराल पर खत्‍म हो जाता है।

आज इस बीमारी को देखें तो विश्‍व को कोई भी देश इससे अछूता नही है। क्‍या गर्म प्रदेश, क्‍या ठंडा प्रदेश सब जगह यह इसी तरह से फैल रहा है। जल्‍द ही इस पर काबू न किया गया तो यह भयंकर क्षति पहुचा देगा। अर्थव्‍यवस्‍था, स्‍वास्‍थ्‍य और कई तरह के रोजगार को खत्‍म कर ही दिया है और न जाने क्‍या-क्‍या करेगा। इसलिए सभी देशों को मिलकर इससे मुकाबला करना चाहिए ताकि इसका कोई इलाज संभव हो सके।  


आज मजदूरों की हालत देखकर मन बहुत ही दु:खी हो जाता है। इतना उदास हो जाता है जितना कभी पहले हुआ ही नहीं था। आज कोरोना की वजह से ही ये अपना दै‍न‍िक कार्य नही कर पा रहे हैं और न ही जीवन यापन हो पा रहा है। कोरोना ने ऐसी हालत कर दी है कि कोई कोरोना से उतना मरे या न मरे पर इसकी वजह से भूख से मर जा रहे हैं। लॉकडाउन की वजह से कुछ हालत काबू में है पर इन श्रमिकों का क्‍या, ये कैसे अपना जीवन यापन करें। हर दिन इनकी कमाई होती थी और इसी से वे अपना खर्च चलाते थे। देख रहा हूं इस लॉकडाउन में वे जहां भी हैं पैदल ही अपने घर को चले जा रहे हैं। न भूख की फिक्र, न पैदल चलने का दर्द, केवल और केवल अपने घर पहुंचने का ही इंतजार है उन्‍हें।


कई दिनो पहले मैने सुना की कोई बच्‍ची पैदल चलते हुए अपने गांव पहुंचते-पहुंचते ही दम तोड़ दिया उसने। और अभी हाल ही में कई लोग जो रेल पटरियों के करीब चलते हुए अपने गांव की तरफ जा रहे थे, वे रात में पटरी पर ही सो गये और उनकी दर्दनाक मौत हो गयी। ये सब देखकर मन उदास हो जाता है। फिर ऐसा लगता है कि आखिर इनकी क्‍या गलती है भगवान, इन्‍हें किसी और कि गलती की सजा क्‍यों मिल रही है।  


हे भगवान अब हमे मॉफ करें और इस महामारी से बचने कोई हल न‍िकालने के लिए हमें प्रेरित करे। अब इस तरह मजदूरों की हालत और कई लोगों की हालत देखकर मन बैठा जा रहा है। अब और नही।


आशा करता हूं कि जल्‍द ही इसका कोई इलाज आयेगा और एक बार फिर हम जीतेंगे। एक बार फिर मानवता जीतेगी। 



ध्‍यान कैसे करें। How to Do Meditation

आज के इस पोस्‍ट में हम एक बार फिर पढ़ा हुआ याद कैसे रहे, के बारे में चर्चा करेंगे।  आपने पिछले पोस्‍ट में पढ़ा था कि हम इमेजिनेशन टेक्‍नीक...