18 साल पहले यानी 11 सितंबर 2001 को दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका पर आतंकवादियों ऐसा हमला किया था, जिससे पूरी दुनिया हिल गयी। इस हमले ने ऐसी तबाही मचाई कि उस मंजर को देखने वाले कभी भूल नहीं सके। इस हमले में करीब 3 हजार लोग मारे गए थे।
11 सितम्बर 2001 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर आतंकी संगठन अल-कायदा ने जो हमला किया था, वह बहुत ही भयानक और आत्मघाती हमला था। उस दिन, अल कायदा आतंकवादियों ने चार विमानों का अपहरण किया था।
अपहरणकर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयार्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया। उनमें काम करने वाले कई लोग मारे गये। यहां तक कि उनके पास वाली इमारतें भी तबाह हो गईं थी और उसके आस-पास वाले इमारतों को भी बहुत नुकसान हुआ।
अपहरणकर्ताओं ने तीसरे विमान को वाशिंगटन डी. सी. के बाहर आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन से टकरा दिया था। यह हमला कितना बड़ा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस हमले में लगी आग को बुझाने में लगभग 100 दिन का समय लगा था। ट्विन टावर में 7 इमारते थी।
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11 सितंबर को अलकायदा आतंकवादियों के एक ग्रूप ने स्थानीय समय के मुताबिक नौ बजे वर्जीनिया से लॉस एंजेल्स जा रहे अमेरिकी उड़ान संख्या 77 के विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था। अमरीकी अधिकारियों के मुताबिक विमान पेंटागन के पहले और दूसरी मंजिल के बीच गिरा, जिसमें 184 लोग मारे गए थे।
इस दिन अमेरिका से तीन विमान हाईजैक हुए थे। हाईजैकर्स ने एक विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था वहीं दूसरे विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारत से टकरा दिया था। हाईजैक हुआ तीसरा विमान एक खाली जगह पर कैश हो गया था।
इसके बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने 11 सितंबर 2001 को पेंटागन पर हुए हमले के बाद की कुछ अनदेखी तस्वीरें जारी की थीं। उन तस्वीरों के माध्यम उस घटना में हुई तबाही को महसूस किया जा सकता था। तस्वीरों से समझा जा सकता है कि किस तरह से अलग-अलग अमेरिकी एजेंसियों ने इस हमले के बाद बचाव कार्य को अंजाम दिया था।
Source: Aajtk news
9/11 Attack
11 सितम्बर 2001 को संयुक्त राज्य अमेरिका पर आतंकी संगठन अल-कायदा ने जो हमला किया था, वह बहुत ही भयानक और आत्मघाती हमला था। उस दिन, अल कायदा आतंकवादियों ने चार विमानों का अपहरण किया था।
अपहरणकर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयार्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया। उनमें काम करने वाले कई लोग मारे गये। यहां तक कि उनके पास वाली इमारतें भी तबाह हो गईं थी और उसके आस-पास वाले इमारतों को भी बहुत नुकसान हुआ।
अपहरणकर्ताओं ने तीसरे विमान को वाशिंगटन डी. सी. के बाहर आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन से टकरा दिया था। यह हमला कितना बड़ा था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस हमले में लगी आग को बुझाने में लगभग 100 दिन का समय लगा था। ट्विन टावर में 7 इमारते थी।
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11 सितंबर को अलकायदा आतंकवादियों के एक ग्रूप ने स्थानीय समय के मुताबिक नौ बजे वर्जीनिया से लॉस एंजेल्स जा रहे अमेरिकी उड़ान संख्या 77 के विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था। अमरीकी अधिकारियों के मुताबिक विमान पेंटागन के पहले और दूसरी मंजिल के बीच गिरा, जिसमें 184 लोग मारे गए थे।
इस दिन अमेरिका से तीन विमान हाईजैक हुए थे। हाईजैकर्स ने एक विमान को पेंटागन की इमारत से टकरा दिया था वहीं दूसरे विमान को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर की इमारत से टकरा दिया था। हाईजैक हुआ तीसरा विमान एक खाली जगह पर कैश हो गया था।
इसके बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने 11 सितंबर 2001 को पेंटागन पर हुए हमले के बाद की कुछ अनदेखी तस्वीरें जारी की थीं। उन तस्वीरों के माध्यम उस घटना में हुई तबाही को महसूस किया जा सकता था। तस्वीरों से समझा जा सकता है कि किस तरह से अलग-अलग अमेरिकी एजेंसियों ने इस हमले के बाद बचाव कार्य को अंजाम दिया था।
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